कुछ गहरा और कुछ कम गहरा
लहराते हुए पानी के बुलबुले
उठती पानी की तरंगे और गहराई में खो जाती तिरंगे
निरंतर गतिमान नदी का कितना सुंदर अनुशासन है।
नदी किनारे के सुंदर हरे-भरे वृक्ष
और पत्थरों पर टकराती प्रतिध्वनि,
प्रकृति हमारी कल्पनाओं से भी अधिक सुंदर और खूबसूरत है।
दूर तक बहती नदी को देखना बहुत सुंदर एहसास है। सच में..!
लहरों का अनुशासन और शीतलता का स्पर्श,
तरंगों का धैर्य और कल-कल करती ध्वनि,
बहती तटों तक की सीमा रेखा का गंगा जल स्पर्श
मन को भीगोनें वाला स्पंदन है।
सच में सुंदरता इतनी पुरानी है जितना कि संसार
और इतनी नई कि प्रत्येक क्षण!
© Chandra Kant Tewari
fb-Chandra Tewari
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