चिंतन से चिंता धीरे-धीरे घटती है
प्रभु दर्शन की प्यास सदा
धीरे-धीरे बढ़ती है
बाधाएं विपरीत आ जाएं
घनघोर घटाएं छा जाएं
वह चरण वंदना करता है
मन-चित्त में चिंतन करता है
क्या दुख उसका कर पाएगा
सब वक्त बुरा कट जाएगा
साहस और विश्वास की सीढ़ी क़दम-क़दम पर चढ़ती है
प्रभु चिंतन से सबकी चिंता धीरे-धीरे घटती है।
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