बुधवार, 23 अगस्त 2023

चांँद हमारी झोली में - डॉ. चंद्रकांत तिवारी

 चांँद हमारी झोली में

प्रेम हमारी बोली में

कार्य सदा नित छुट्टी में 

त्रिलोक हमारी मुट्ठी में ।

धरा से दूर थी चांँदनी कब

घूम आएंगे कुछ दिन अब

हमको निज विश्वास है 

चांँद हमारे पास है ।

©डॉ. चंद्रकांत तिवारी 

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