POETRY written by Dr CHANDRA KANT TEWARI/ DELHI
शायद
बहुत खूबसूरत है
परंतु शायद है ।
कभी प्रश्नों के उत्तर,
कभी उत्तर का समाधान,
आंतरिक ध्वनि को,
प्रतिबिंब देता न्यास है,
अपनेपन का एहसास
न होकर भी पास है,
मन के किसी कोने में,
उजास है!
नन्हें कदमों की आहट सी,
गगनचुंबी हिमनद है,
बहुत खूबसूरत है
परंतु शायद है।
रिश्तों की प्रारंभिक,
और अंतिम अवस्था ,
के मध्य बिंदु की परिधि,
का व्यास है,
हृदय की पीड़ा,
और आंतरिक सुरक्षा,
का शक्ति पद है,
बहुत खूबसूरत है,
यथार्थ के समानांतर,
अतिथि का सत्कार है,
अनचाहा प्यार है,
मित्रता को,
कोशिश की परिधि में बांधता,
रिश्तों का एहसास है,
बहुत खूबसूरत है,
छोटा सा शब्द,
'शायद' .................
सबका पहला प्रयास है !!
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