कब आआेगी ...
माँ ने साँस ताे दी,
पर साँस ताेड़ ली.!
जीवन ताे दिया,
पर राह माेड़ ली.!
कल की ही ताे बात थी,
खुशियाें की बारात थी.!
गभॆ में कूदता आैर उछलता,
तुम जाे-जाे खाती माँ ..
उसका रस मैं भी पाता.!
तेरे रक्त से बना हूँ माँ,
श्वेत रक्त में सना हूँ माँ.!
पर आज सुनसान राह मेँ,
कहाँ छाेड़ गई हाे माँ.!
क्याें नहीं आती हाे माँ,
देखाे माँ तुम जल्दी आआे,
बाेल रहा हूँ..
जल्दी आआे
वरना बिन खाये साे जाऊँगा.,
लाैट के जल्दी आ जाआे माँ,
केवल तुम से प्यार करूगा.!
अब आआेगी..
कब आआेगी..
आँखिर कब तक आआेगी .!
देखाे माँ तुम जल्दी आआे....
बाेल रहा हूँ जल्दी आआे,..
वरना बिन खाये साे जाऊँगा..
तुम्हारी हर बाताें पर,
जीवन का आधार धरूँगा...
लाैट के जल्दी आ जाआे माँ,
केवल तुम से प्यार करूगा...
केवल तुमसे प्यार करूगा....
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