*जब मैंने हिमालय को देखा-* भाग-1
*©डॉ. चंद्रकांत तिवारी-* - उत्तराखंड प्रांत
जब मैंने हिमालय को देखा तो मैं कुछ क्षण के लिए स्तब्ध रह गया। हिमालय का दिव्य भाल देखते ही बनता था और मैं उसको देखते ही जा रहा था। सूर्य की किरणों से उसका मुकुट रत्न जड़ित हीरों की ख़ान सा चमक रहा था। इतना सुंदर दृश्य जहां प्रकृति प्रतिदिन श्वेत चांदनी में स्नान करती हो, सौंदर्य के सभी प्रतिमान फीके पड़ जाएं, रूप-रंग, सौंदर्य का आकर्षण अपनी पराकाष्ठा पर हो, ऐसी सुंदरता जिसे शब्दों में न बांधा जा सके। भारी-भरकम, जूता-चप्पल पहनकर इस प्रकृति पर तो पैर रखने को मन ही नहीं करता। अगर नंगे पैर भी चला जाए तो वह परमानंद होगा। इस प्रकृति को स्पर्श करने का, हरी घास के तिनकों को स्पर्श करने का यह सुखद अनुभव जूते-चप्पल पहन कर तो नहीं किया जा सकता भला। कितना स्वच्छ है प्रकृति का यह नैसर्गिक पृष्ठीय आवरण। जहां जीवन के सारे सूत्र एक साथ नजर आते हैं। हरी घास के ये लंबे-चौड़े, आड़े-तिरछे, बड़ी-बड़ी ढलानों पर लंबे-चौड़े खेत। खेतों में हरी घास की चादरों के समानांतर प्राकृतिक परिवेश, जिसे स्थानीय भाषा में बुग्याल कहते हैं। इन बुग्यालों पर जैसे रज-किरणों के मोती बिखेरे गए हों। सूर्य की किरणें जब इन ओस की बूंदों पर पड़ती हैं तो यह ओस के मोती हीरे-सी उज्ज्वल आभा देते प्रतीत होते हैं। बस एकटक रहकर निरंतर अनवरत और बिना पलक झपकाए देखते ही रहने को मन करें। प्रकृति हम सब की कल्पनाओं के क्षितिज से भी अधिक गहरी सुंदरता को अपने भीतर समेटे हुए है। हमारे अंतस पर पड़ने वाले बिंबों को जब साकार करती है तो सुंदरता के कई हजार दृश्य नजर आने लगते हैं। ऐसा सौंदर्य है हिमालय का। उत्तराखंड के पर्वतीय अंचल का। जिसे देखने का सौभाग्य मुझे मिला। असल में मैं जिस हिमालय को देख रहा था बहुत हिमालय की श्रृंखला है जब श्रृंखला इतनी सुंदर है तो वास्तविक हिमालय कितना सुंदर होगा। हिमालय कहां है? किसी एक बिंदु पर ठहर कर हम हिमालय के दर्शन तो नहीं कर सकते। परंतु यह तो उसकी समानांतर पर्वत श्रृंखलाएं हैं। यही हिमालय है ऐसा मानकर मैं प्रकृति की आनंद यात्रा में मग्न हो रहा था। घंटों हिमालय के आंगन में बैठने के बाद मैं अपने घर के आंगन की ओर बढ़ चला। वैसे मेरा आंगन भी हिमालय की गोद में ही बसा है। यह हिमालय का बहुत बड़ा आंगन है। जो कुदरत की रहस्यमई असंख्य प्राकृतिक कलाओं से भरा पड़ा है। एक मानव जीवन कम पड़ जाएगा इस प्राकृतिक सौंदर्य को निहारने में।
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